'सरकारी आतंकवाद' के खिलाफ पीयूएचआर ने सौंपी रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों आतंकवाद का खूब बोलबाला रहा. आतंकवाद से निपटने के लिए नए कानून लेन की तैयारी भी हो गई लेकिन बाद में मायावती सरकार ने मुसलमानों से रहमदिली दिखाते हुए कानून वापस भी ले लिया. लेकिन इस दौरान आतंकवाद से निपटने के नाम पर उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने कई बेक़सूर मुस्लिम युवकों को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया तो कईओं को गिरफ्तार कर लिया. पीपुल्स यूनियन फॉर ह्यूमन राइट्स (पीयूएचआर) ने हर घटनों के बाद उसकी नए सिरे से जांच कर एसटीएफ की कहानियो को चुनौती देनी शुरू कर दिया. उद्देश्य केवल इतना की आतंकवाद का असली चेहरे उजागर हो और 'सरकारी आतंकवाद' बेनकाब. देश में शुरू से ही आतंकवाद से लड़ाई केवल राजनैतिक गुणा गणित का खेल रहा है. पीयूएचआर ने इसमे पिसे जा रहे लोगों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करते हुए अपनी जाँच रिपोर्टों के माद्यम से सरकार पर दबाव बनाए रखा. इन्ही दबावों के चलते पिछले साल मार्च में आजमगढ़ व कुछ अन्य जिलों में पंचायत समितियों के चुनाव के मद्देनजर आजमगढ़ व जौनपुर से उठाए गए तारिक, खालिद और सज्जाद की गिरफ्तारी के लिए जाँच बैठानी पड़ी. सेवानिवृत्त जज आर.डी निमेष को इस जांच का जिम्मा सौंपा गया है. १० फरवरी को पीयूएचआर ने जाँच आयोग के सामने २५० से भी आधिक पन्नों की रिपोर्ट रखी. इसका एक छोटा हिस्सा आप सभी के सामने है.
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समक्ष-
निमेष जाँच आयोग,

सहकारिता भवन,

पंचम तल १४ डी.बी.आर.अम्बेडकर रोड

लखनऊ,उ0प्र0 ।

मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर ह्यूमन राइट्स (पीयूएचआर) की तरफ से हम अपनी जाँच पर आधारित दस्तावेज़ और उसके समर्थन में तथ्य प्रेषित कर रहे हैं कि उ0 प्र0 के कचहरी विस्फोटों में अभियुक्त बनाए गए मो0 तारिक कासमी पु़त्र श्री रियाज़ अहमद ग्राम सम्मोपुर, थाना रानी की सराय, जनपद आजमगढ़ को यूपी0 एसटीएफ ने 12 दिसम्बर 2007 दिन में लगभग साढ़े बारह बजे रानी की सराय, आजमगढ़ से उठाया था जिसे बाद में 22 दिसम्बर 2007 को बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास से सुबह 6।20 पर एसटीएफ ने गिरफ्तार करने का दावा किया है। सम्बन्धित दस्तावेज़ और तथ्य संलग्न तालिका 'अ' के अन्तर्गत है।

ठीक इसी तरह खालिद मुजाहिद पुत्र स्व. जमीर आलम, मोहल्ला महतवाना, कोतवाली मड़ियाहूं, जनपद जौनपुर(उ0 प्र0) को एसटीएफ ने 16 दिसम्बर 2007 को मड़ियाहूं बाजार से शाम 6 से साढ़े 6 बजे के बीच उठाया था। जिन्हें बाद में बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास से सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर तारिक कासमी के साथ गिरफ्तार करने का दावा एसटीएफ कर रही है। संबन्धित दस्तावेज व तथ्य संलग्न तालिका 'ब' के अंतर्गत हैं।
तालिका 'स' में मानवाधिकार संगठनों द्वारा इस प्रकरण पर जारी रिपोर्टों, बयानों, पर्चों, व विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में छपी रिपोर्टें

'अ'


1- मो0 तारिक कासमी के दादा अजहर अली पुत्र मो0 अली ग्राम सम्मोपुर, थाना रानी की सराय, जनपद आजमगढ़ द्वारा थाना रानी की सराय आजमगढ़ में तारिक कासमी की गुमशुदगी की रिपोर्ट जो 14 दिसंबर 2007 को दर्ज करायी गयी। छाया प्रति संलग्न है।
2- तारिक कासमी की गुमशुदगी संबंधित पोस्टर जो पूरे जिले में 14 से 18 दिसंबर 07 के बीच लग गए थे। छाया प्रति संलग्न है।
3- तारिक कासमी को 12 दिसंबर 07 को एसटीएफ द्वारा रानी की सराय, शंकरपुर, चेकपोस्ट से थोड़ा आगे से उठाने के चश्मदीद गवाहों मो0 आमिर पुत्र नेसार अहमद, सलाउद्दीन पुत्र जैश, वीरेन्द्र सिंह पुत्र अवधेश सिंह, रामअवध चैरसिया पुत्र शंकर चैरसिया के हलफनामे । छाया प्रति संलग्न है।
4- तारिक कासमी को दिनांक 12.12.2007 को रानी की सराय, शंकरपुर, चेकपोस्ट से एसटीएफ द्वारा उठाए जाने की पुष्टी करने वाले लोगों के नाम व दस्तखत। छाया प्रति संलग्न है।
5- तारिक के दादा अजहर अली पुत्र मो0 अली ग्राम सम्मोपुर थाना रानी की सराय जनपद आजमगढ़ द्वारा माननीय मुख्यमंत्री उ0प्र0 को 14.12.2007 को भेजा गया पत्र। छाया प्रति संलग्न है।
6- तारिक कासमी के ससुर मौलवी असलम पुत्र अब्दुल कुद्दूस द्वारा राष्टिय मानवाधिकार आयोग को 19.12.2007 को भेजा गया पत्र। छाया प्रति संलग्न है।
7- 6 मार्च 2008 को राज्य सभा सदस्य श्री अबू आसिम आजमी द्वारा राज्य सभा में प्रश्नकाल के दौरान तारिक कासमी की फर्जी गिरफ्तारी का सवाल उठाया गया। एमसीएम-एसकेसी/एसक्यू/8-15 में कहा गया कि " उप्र के स्पीकर उसी इलाके के हैं, उनके पास भी लोग गए। स्पीकर साहब ने एसएसपी को फोन किया कि पता लगाओ। इस बारे में डीएम के पास, एसपी के पास, कचहरी में दस दिन तक खूब आंदोलन हुआ तथा अखबार में भी छपा कि उस व्यक्ति की किडनैपिंग हो गई है।" एक नेता ने कहाकि अगर पुलिस ने उसका 23 तारिख तक पता नहीं लगाया तो मैं उसी जगह पर जाकर आत्महत्या कर लूंगा। छाया प्रति संलग्न है।
8- तारिक कासमी के दादा अजहर अली ़द्वारा 18.12.2007 को जिला सूचना अधिकारी आजमगढ़ से माॅंगी गई सूचना कि क्या तारिक का अपहरण हुआ है अथवा पुलिस द्वारा किसी मामले में उठाया गया है।छाया प्रति संलग्न है।
9- 20.12.2007 को अजहर अली द्वारा सीजीएम आजमगढ़ को प्रस्तुत किया गया प्रार्थनापत्र। छाया प्रति संलग्न है।
10- नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी द्वारा 20.12.2007 को तारिक कासमी के अपहरण और पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ दिए गए धरने में माननीय मुख्यमंत्री उ0प्र0 को भेजा गया ज्ञापन। छाया प्रति संलग्न है।
11- 15.12.2007 को हिन्दुस्तान में 'लापता हकीम का तीसरे दिन भी नहीं लग सका कोई सुराग 'शीर्षक से छपी खबर ।छाया प्रति संलग्न है।
12- 17.12.2007 को आजमगढ़ में तारिक के अपहरण और पुलिस निष्क्रियता के खिलाफ चल रहे आंदोलनों की खबरें- अमर उजाला में 'लापता डाक्टर का सुराग नहीं, प्रदर्शन', हिन्दुस्तान में 'कासमी अपहरण काण्ड के खिलाफ नेलोपा का धरना', दैनिक जागरण 'अपहरण जनता सड़क पर।' छाया प्रति संलग्न है।
13- 18.12.2007 को आजमगढ़ में तारिक के अपहरण और पुलिस निष्क्रियता के खिलाफ चल रहे आंदोलनों की खबर हिन्दुस्तान में 'जारी रहेगा धरना।' छाया प्रति संलग्न है।
14- 19.12.2007 को हिन्दुस्तान में ' हकीम तारिक को जमीन निगल गयी या आसमान ' शीर्षक से छपी खबर में लिखा है- विदित हो कि सम्मोपुर निवासी डा.हकीम तारिक पुत्र रियाज का उस समय बदमाशों ने मार्शल गाड़ी से अपहरण कर लिया जब 12 दिस0 को वे अपनी बाइक से सरायमीर जा रहे थे। घटना पहले दिन जहां रहस्यमय बनी रही, वहीं पुलिस व परिजनों की जांच में अपहरण के दौरान प्रत्यक्षदर्शी रही महिलाओं व छात्रों से बातचीत की। अपहरण कर लिए जाने की पुष्टि होते ही परिजनों में हड़कम्प मचा ही साथ ही पुलिस भी हाफने लगी।.....एसओ का कहना है कि टीम गठित की गई है शीघ्र कामयाबी मिलेगी....। छाया प्रति संलग्न है।
15- 20.12.2007 को हिन्दुस्तान में 'हकीम अपहरण काण्डः दूसरी दिशा में घूमी जाॅंच प्रक्रिया' शीर्षक से छपी खबर में लिखा है कि- 'लखनउ की एसटीएफ टीम ने अपहर्ताओं की तलाश न कर अपहर्ता के घर पर बुधवार को छापा मारा।'
16- 21.12.2007 को तारिक अपहरण और पुलिस निष्क्रियता के खिलाफ चल रहे आंदोलनों की खबरें- हिन्दुस्तान 'हकीम अपहरण काण्डः नेलोपा ने कलेक्टी कचहरी पर दिया धरना', दैनिक जागरण 'तारिक की वापसी के लिए नेलोपा ने दिया धरना।' अमर उजाला 'कहाॅं है डाक्टर, पुलिस वाले अब भी पहेली बुझा रहे', 'चिकित्सक की रिहाई को लेकर सर्वदलीय धरना'। छाया प्रति संलग्न है।
उक्त समाचार पत्रों में छपे समाचारों की सत्यता का सत्यापन उनके संवाददाताओं को बुलाकर उनका बयान ले के किया जा सकता है।

'ब'


1- खालिद मुजाहिद के चचा मु0 जहीर आलम फलाही द्वारा 19.12.2007 दोपहर जिलाधिकारी जौनपुर, राष्टी्य मानवाधिकार आयोग, पुलिस महानिदेशक लखनउ व मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय को फैक्स द्वारा पत्र भेजा गया। छाया प्रति संलग्न है।
2- मु0 जहीर आलम फलाही द्वारा राष्ट्ीय मानवाधिकार आयोग को 26.06.2007 को भेजा गया पत्र जिसमें एक संदिग्ध व अज्ञात व्यक्ति जो खालिद के बारे में पूछताछ करता था, का जिक्र है । यही संदिग्ध व्यक्ति 18,19 दिसम्बर,2007 की रात यानि खालिद के मडियाहॅंू से उठाये जाने के दो दिन बाद और उसके बाराबंकी से गिरफ्तार दिखाये जाने के तीन दिन पहले पुलिस टीम के साथ खलिद के घर दी गयी दबिश में भी शामिल था। छाया प्रति संलग्न है।
3- खालिद को 16.12.2007 को मडियाहूॅं कें पवन टाकीज के पास मुन्नू चाट की दुकान पर चाट खाते हुए 6.30 बजे के आस पास असलहा धारी लोगों द्वारा उठाये जाने की पुष्टि करने वाले लोगों के नाम व हस्ताक्षर। छाया प्रति संलग्न है।
4- 17.12.2007 को अमर उजाला में 'एसटीएफ ने चाट खा रहे युवक को उठाया', हिन्दुस्तान में 'टाटा सुमो सवार लोगों ने युवक को उठाया' शीर्षक से छपी खबरें। छाया प्रति संलगन है।
5- 18.12.2007 को अमर उजाला वाराणसी संस्करण में छपी खबर 'एस0टी0एफ0 की हिरासत में हूजी के दो आतंकी' में कहा गया है ..... इसी प्रकार जौनपुर जिले के मड़ियाहू स्थित मदरसे में पढाने वाले एक अध्यापक को हिरासत में लिया गया है....। छाया प्रति संलग्न है।
6- 20.12.2007 को हिन्दुस्तान में 'लखनउ धमाकों के वांछित की तलाश,मडियाहूॅं में छापा', अमर उजाला में 'एसटीएफ ने युवक को उठाया', हिन्दुस्तान में 'लखनउ बम विस्फोट के वांॅंछित के तलाश में मड़ियाहूॅं में छापा।' छाया प्रति संलग्न है।
7- 21.12.2007 को हिन्दुस्तान में 'मड़ियाहू का खालिद तीन बार जा चुका है पाकिस्तान!' शीर्षक से छपी खबर भी खालिद को बाराबंकी से गिरफतार किये जाने के दावे को गलत साबित करती है। खबर में लिखा है ......... खालिद के चचा जहीर ने जानकारी दी कि पुलिस 16.12.2007 को ही खालिद को उठा ले गयी थी और जब वह थाने रिपोर्ट दर्ज कराने गये तो बताया गया कि ए0टी0एस0 ले गयी है, रिपोर्ट नहीं लिखी जा सकती है ....... । छाया प्रति संलग्न है।
8- 21.12.2007 अमर उजाला आजमगढ में छपी खबर 'एस0टी0एफ0 ने लिये दो और हिरासत में' भी इस बात की पुष्टि करती है कि खालिद और तारिक दोनों को 22.12.2007 को बाराबंकी से एस0टी0एफ0 ने गिरफ्तार करने का जो दावा किया है, वह गलत है तथा इन्हें मड़ियाहू व आजमगढ़ से ही उठाया गया था। खबर कहती है ........' लखनउ पुलिस ने जौनपुर के मड़ियाहू थाने के मुहल्ला महतवाना निवासी खालिद और आजमगढ के मु0 तारिक कासमी को संदेह के आधार पिछले दिनों हिरासत में लिया था ......। छाया प्रति संलग्न है।
9- 22.12.2007 को अमर उजला 'आतंकियों के संपर्क में था मोैलाना खालिद' शीर्षक से छपी खबर में लिखा है ...... आई0बी0 की रिपोर्ट पर ही एस0टी0एफ0 ने पीछा किया, यह भी कहा जा रहा है कि 16.12.2007 को खालिद को कस्बे की चाट की दुकान से उठाया गया। छाया प्रति संलग्न है।
10- 20.12.2007 को हिन्दुस्तान में 'जनपद में ही मौजूद हैं आतंकी संगठन हूजी के संचालक' शीर्षक से छपी खबर में लिखा है कि .......एसटीएफ कड़ी सुरागरसी के बाद एक सप्ताह पूर्व ही खालिद को कस्बंे से राह चलते उठा लिया था । छाया प्रति संलग्न है।
उक्त समाचार पत्रों में छपे समाचारों की सत्यता का सत्यापन उनके संवाददाताओं को बुलाकर उनका बयान ले के किया जा सकता है।

'स'


1- मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फार ह्यूमन राइटस द्वारा राष्ट्ीय मानवाधिकार आयोग को खालिद मुजाहिद व तारिक कासमी के संबंध में भेजे गये पत्र की प्राप्ति सहित प्रति। छाया प्रति संलग्न है।
2- उ0प्र0 अल्पसंख्यक उत्पीड़न विरोधी कानूनी अधिकार मंच द्वारा केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री श्रीप्रकाश जायसवाल को 06.09.2008 को दिया गया पत्र । छाया प्रति संलग्न है।
3- उ0प्र0 अल्पसंख्यक उत्पीड़न विरोधी अधिकार मंच व इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से 01.06.2008 को हाईकोर्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम का पर्चा जिसमें खालिद व तारिक मामले का जिक्र है । छाया प्रति संलग्न है।
4- पीपुल्स यूनियन फार ह्यूमन राइटस की जाॅंच दल द्वारा तारिक कासमी और खालिद मुजाहिद के घर व आसपास की गयी गहन छानबीन के बाद अखबारों में छपी बयानों की कतरने। छाया प्रति संलग्न है।
5- पीपुल्स युनियन फार ह्यूमन राइट्स द्वारा उ0प्र0 कचहरी बम धमाकों में निर्दोष व्यक्तियों खालिद व तारिक की गिरफ्तारी के खिलाफ इलाहाबाद में आयोजित जनसुनवाई जिसकी अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवा निवृत्त न्यायाधीष श्री रामभूषण मेहरोत्रा ने की थी,की खबरे। छाया प्रति संलग्न है।
6- विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में खालिद और तारिक की फर्जी गिरफतारी के संदर्भ में छपी रिपोर्टे-तहलका,प्रथम प्रवक्ता, दस्तक। छाया प्रति संलग्न है।
उक्त सभी समाचारों का सत्यापन सम्बंधित समाचार पत्रों के संवाददाताओं तथा पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों एव लेखकों के बयान ले कर किया जा सकता है। जिनका पता, पत्र एवं पत्रिकाओं के सम्पादकों से प्राप्त हो पाना संम्भव है।

लखनऊ,
दिनांक- 10 फरवरी 2009

द्वारा-
लक्ष्मण प्रसाद, शाहनवाज आलम, राजीव यादव
सदस्य कार्यकारिणी समीति,उ0 प्र0
पीपुल्स यूनियन फार ह्यूमन राइट्स (पीयूएचआर)
632/13 शंकरपुरी कमता पो0 चिनहट
लखनऊ उ0प्र0

पीयूएचआर की और रिपोर्ट देखें नई पीढी

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